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मुश्किल में फंसे यूपी ओलंपिक संघ के सचिव आनंदेश्वर पांडे, सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है कई महिलाओं संग अश्लील तस्वीरें
भारतीय ओलंपिक संघ की राज्य साखा यूपी के सचिव आनंदेश्वर पांडे बड़े विवाद में फंसते नजर आ रहे हैं. सोमवार की शाम को यूपी ओलंपिक संघ के सचिव आनंदेश्वर पांडे की कुछ अश्लील तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी जिसमें वो अलग-अलग महिलाओं के साथ नजर आ रहे हैं. इन तस्वीरों के वायरल होने के बाद आनंदेश्वर पांडे के खिलाफ सीएम पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज करा दी गई है और अब उनका करियर भंवर में अटका हुआ नजर आ रहा है.
पांडे ने लगाया साजिश के तहत फंसाने का आरोप
वहीं मीडिया से बात करते हुए आनंदेश्वर पांडे ने इसे अपने खिलाफ साजिश करार दिया और आईओए के ही कुछ पदाधिकारियों को इस षणयंत्र के पीछे का मुख्य आरोपी करार दिया. यूपी ओलंपिक संघ के सचिव ने लखनऊ पुलिस कमिश्नर से अपनी छवि खराब करने के आरोप को लेकर शिकायत भी दर्ज कराई है.
पांडे का आरोप है कि सितंबर में भारतीय ओलंपिक संघ में चुनावों का आयोजन किया जाना है, जिससे पहले उनकी छवि को खराब कर उन्हें इसमें भाग लेने से रोकने की यह साजिश है. इसमें संघ के कुछ पूर्व व मौजूदा पदाधिकारी भी शामिल हैं. गौरतलब है कि इस मामले को लेकर आनंदेश्वर पांडे के खिलाफ न सिर्फ सीएम पोर्टल पर शिकायत की गई है बल्कि जिला अधिकारी को भी लेटर भेजा गया है.
शिकायत में गर्ल्स हॉस्टल के पास घर होने की कही गई बात
इस लेटर में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश ओलंपिक संघ के सचिव आनंदेश्वर पांडे केडी सिंह बाबू स्टेडियम लखनऊ में रहते हैं और उसके पास में ही गर्ल्स हॉस्टल मौजूद हैं. ऐसे में अलग-अलग महिलाओं के साथ उनकी ये तस्वीरें राज्य और देश की छवि को खराब कर रही हैं. सोशल मीडिया पर वायरल हो रही इन तस्वीरों में से एक में आनंदेश्वर पांडेय भारतीय टीम की किट में नजर आ रहे हैं.
आखिर कौन हैं आनंदेश्वर पांडेय
आपको बता दें कि आनंदेश्वर पांडेय ने अपने करियर हैंडबॉल खिलाड़ी के रूप में शुरू किया था और 1977-78 की नेशनल चैम्पियनशिप में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया. वह लंबी दूरी के नेशनल एथलीट भी रह चुके हैं और खेल के करियर को अलविदा कहने के बाद प्रदेश स्तर पर राज्य खेल संघों के साथ मिलकर कुश्ती, हॉकी, फुटबॉल, एथलेटिक्स की नेशनल-इंटरनेशनल प्रतियोगिताओं का सफलतापूर्वक आयोजन करा चुके हैं.
खेलों में उनके योगदान को देखते हुए यूपी सरकार ने 2016 में उन्हें यश भारती पुरस्कार से नवाजा था.