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मरीजों को ग्रीन कारीडोर के रूप में मिलेगा जीवनदान, गोरखपुर में तेजी से हो रहा तैयार
एंबुलेंस संचालन की व्यवस्था सुदृढ़ करने के उद्देश्य से एंबुलेंस का संचालन कर रही संस्था जीवीके-ईएमआरआइ के दस जिलों के प्रबंधन से जुड़े लोगों को सीएमओ कार्यालय के प्रेरणाश्री सभागार में प्रशिक्षित किया गया। प्रशिक्षण के दौरान एसपी ट्रैफिक डा. एमपी सिंह ने आश्वस्त किया कि ग्रीन कारीडोर की व्यवस्था और मजबूत की जाएगी।
एंबुलेंस रवाना होने से 10 मिनट पहले ट्रैफिक पुलिस किया जाए सूचित
एसपी ट्रैफिक ने संस्था से अपेक्षा की कि जब भी गोरखपुर शहर के लिए गंभीर मरीज के साथ कोई एंबुलेंस रवाना हो तो रवानगी के दस मिनट पहले ही कंट्रोल रूम को वाट्सएप और इसके बाद फोन काल के जरिये सूचित किया जाए। इससे ट्रैफिक पुलिस और संबंधित थानाक्षेत्र ग्रीन कारीडोर तैयार कर देंगे। साथ ही संबंधित एंबुलेंस पर पहचान का फ्लैग भी लगा दिया जाए ताकि जब वह वाहन गुजरे तो पता चल सके कि जिस एंबुलेंस के लिए कारीडोर बनाया गया है वह गुजर गई है। शहर में दाखिल होने वाली किसी भी सरकारी एंबुलेंस को यह सुविधा प्रदान की जाएगी। ट्रैफिक इंस्पेक्टर मनोज राय ने बताया कि अगर सड़क की एक लेन जाम है तो सरकारी एंबुलेंस विपरीत लेन में भी जा सकती है। ऐसा करने से कोई विधिक कार्यवाही नहीं होगी।
इमर्जेंसी मेडिकल एक्जीक्यूटिव को दिया गया प्रशिक्षण
गोरखपुर, बस्ती, कुशीनगर, महराजगंज, सिद्धार्थनगर, संतकबीरनगर, देवरिया, मऊ, आजमगढ़ और बलिया जिलों से आए संस्था के प्रोग्राम मैनेजर और इमर्जेंसी मेडिकल एक्जीक्यूटिव (ईएमई) को हैदराबाद से आए मुफीदुर रहमान, डा. शिव कुमार और धर्मेंद्र ने प्रशिक्षित किया। इस अवसर पर आपरेशनल हेड निखिल रघुवंशी, क्षेत्रीय समन्वयक जगदीश्वर पांडेय, सुमित प्रताप सिंह, अनुराग पांडेय, गोरखपुर के प्रोग्राम मैनेजर प्रवीण कुमार द्विवेदी उपस्थित थे।
सौर लाइट से जगमग होगी सड़क
मोहद्दीपुर स्थित रामगढ़ताल पुल एवं आरकेबीके के सामने की सड़क सौर लाइट से जगमग हो सकेगी। गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने सौर ऊर्जा वाली करीब 20 से अधिक लाइट लगाने का प्रस्ताव तैयार किया है। अधिकतर लाइट लगा भी दी गई है। इसपर करीब 25 लाख रुपये का खर्च आ रहा है। जल्द ही शहर के अन्य हिस्सों में भर लाइट लगाई जाएगी।